Mar 2, 2024
पटना 08 जून 2018: सिर दर्द, उल्टी, दिखने में परेशानी, हाथ-पैर में लकवा मारना, पक्षाघात न होने के बावजूद चलने में कठिनाई तथा मिर्गी आने को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि ये ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं। मरीज को क्या लक्षण होगा यह इस बात पर र्निभर करता है कि ट्यूमर सिर के किस भाग में है। फ्रंटल लोब यानी सिर के सामने के हिस्से में अगर ट्यूमर होगा तो ऐसी स्थिति में मरीज का व्यवहार बदल जाता है, पेशाब पर नियंत्रण खत्म हो जाता है, मरीज लड़खड़ा कर चलता है, साथ ही मिर्गी आयेगी तथा कभी-कभी चुप शांत बैठा रह सकता है। ये बातें पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के न्यूरो सर्जन डाॅ. मुकुन्द प्रसाद ने वल्र्ड ब्रेन ट्यूमर डे के मौके पर शुक्रवार को कहीं। उन्होंने कहा कि अगर पीट्यूटरी ट्यूमर होगा तो देखने में परेशानी होगी तथा महिलाओं का तो मासिक धर्म रूक जाता है।
डाॅ. प्रसाद ने कहा कि सर के बायें भाग में अगर ट्यूमर होगा तो मरीज बातचीत करना बंद कर देता है, दाहिने हाथ-पैर में कमजोरी आ जाती है। दायें भाग में ट्यूमर होने पर बायें हाथ-पैर में कमजोरी महसूस होती है। सिर के पीछे भाग में ट्यूमर होने पर सुनने में दिक्कत, सिरदर्द, चलने में परेशानी तथा उल्टी होती है। करीब-करीब सभी ट्यूमर में मिर्गी और सिरदर्द हो सकते हैं। यह ट्यूमर का आम लक्षण है।
ट्यूमर के कारणों के बारे में उन्होंने कहा कि कोई खास कारण इसका अबतक नहीं माना गया है, लेकिन रेडिएशन, कीटनाशक तथा रसायनिक पदार्थों के अत्याधिक इस्तेमाल होने से ट्यूमर का होना माना गया है। पहले लोग बे्रन ट्यूमर की सर्जरी कराने से हिचकिचाते थे, लेकिन जब से यह पूरी तरह सुरक्षित हो गयी है, कोई आॅपरेशन कराने से नहीं घबराता है। लेकिन अगर ट्यूमर किसी को है तो उसकी सर्जरी तुरंत करा लेनी चाहिए। इससे मरीज स्वस्थ्य हो जाता हैं सर्जरी में विलम्ब करने पर ट्यूमर का मरीज पर क्या असर पड़ेगा, यह कहा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि बे्रन सूइट (ठतंपद ैनपजम) के आ जाने से यह सर्जरी अब पूर्णतः सुरक्षित हो गयी है। बे्रन सूइट का मतलब है आॅपरेशन थियेटर में न्यूरो नेविगेशन ;छमनतव छंअपहंजपवदद्ध, इंडोस्कोपिक सर्जरी ;म्दकवेबवचपब ैनतहमतलद्ध, अवेक क्रिनियोटाॅमी ;।ूंाम ब्तंदपवजवउलद्ध (आॅपरेशन के दौरान मरीज होश में रहता है) तथा इंट्रा आॅपरेटिव एमआरआई ;प्दजतंवचमतंजपअम डत्प्द्ध आदि उपलब्ध रहना।
हाॅस्पिटल के दूसरे न्यूरोसर्जन डाॅ. नसीब इकबाल कमाली ने कहा कि बे्रन ट्यूमर अनुवांशिक भी होता है। उन्होंने कहा कि चाहे ब्रेन ट्यूमर कैंसरस हो या नाॅन कैंसरस उसका आॅपरेषन करवाना अनिवार्य है। माॅर्डन न्यूरो सर्जरी में अब ट्यूमर को पूरी तरह निकालना संभव है। ट्यूमर का जितनी जल्दी हो उतनी जल्दी आॅपरेषन करवा लेना चाहिए क्योंकि समय गुजरने के साथ-साथ ट्यूमर ब्रेन की नसों को काफी हानी पहुॅचाता है। ट्यूमर जितना पुराना होता है उसका ईलाज उतना हीं कठिन होता है। इसलिए किसी भी स्थिति में ब्रेन ट्यूमर का पता लग जाने पर उसका आॅपरेषन जल्द से जल्द करवा लेना चाहिए।
कोट के लिए
बे्रन टयूमर के कारण का अब तक कोई खास कारण का पता नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि रेडिएशन, कीटनाशक तथा रासायनिक पदार्थों के अत्यधिक सेवन के कारण ट्यूमर होता है। इसका आॅपरेशन अब बिल्कुल सुरक्षित है। ट्यूमर के ज्ञात होते ही इसका आॅपरेशन तुरंत करा लेना चाहिए।
डाॅ. मुकुन्द प्रसाद
न्यूरो सर्जन, पारस एचएमआरआई हाॅस्पिटल