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Press Coverage

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Mar 2, 2024

मरीज की छाती से 6.5 किलो भारी ट्यूमर निकाला - पारस अस्पताल दरभंगा

  • छाती के दर्द से कराहती महिला को राहत दिलायी
  • छाती की बायीं तरफ के ट्यूमर ने धक्का देकर दिल को दायीं तरफ कर दिया था जिससे फेफड़े को फूलने की जगह नहीं मिलती थी
  • कार्डिएक सर्जन डाॅ. अमरनाथ शाॅव ने आॅपरेषन कर निकाला 6.5 किलो बड़ा ट्यूमर तथा काटी छाती की पसली की पांच हड्डियां जो ट्यूमर से चिपकी थीं

दरभंगा, 08 अगस्त 2017। छाती की बायीं तरफ बड़े ट्यूमर के कारण पिछले एक साल से दर्द से कराहती महिला को पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा ने आॅपरेषन कर राहत दिला दी। दर्द से निजात पाने के लिए 20 साल की महिला मरीज श्रीमती डोम्नी देवी को कई अस्पतालों में दिखाया गया जहाँ उसे टीबी की दवा दी गयी, लेकिन उससे मरीज को कोई फायदा नहीं हुआ। दर्द से बेचैन महिला को तब पारस हाॅस्पिटल में कार्डिएक विषेषज्ञ डाॅ. ज्योति प्रकाष से दिखाया गया उन्होंने डाइग्नोज कर छाती की बायीं तरफ ट्यूमर होने के बारे में बताया और कार्डिएक सर्जन डाॅ. अमरनाथ शाॅव के पास रेफर किया। डाॅ. अमरनाथ ने आॅपरेषन कर 6.5 किलोग्राम वजन का ट्यूमर निकाल कर मरीज को राहत दिलायी।

 डॉ अमरनाथ मरीज के साथ जिसका 6.5 किलोग्राम वजन का ट्यूमर निकाला

डाॅ. शाॅव ने भी बताया कि छाती की बायीं तरफ ट्यूमर था जिसने हार्ट को धक्का देकर दायीं तरफ कर दिया था। उस ट्यूमर के कारण फेफड़े को फूलने के लिए जगह नहीं बची थी और इन्हीें कारणों से महिला दर्द से बेचैन रहती थी। सीटी स्कैन की रिपोर्ट के आधार पर उसका आॅपरेषन किया गया जिसमें ट्यूमर के अलावा छाती की पसली की पाँच हड्डियां काटी गयीं जिससे ट्यूमर चिपका हुआ था। आॅपरेषन के पाँचवें दिन ही उसे हाॅस्पिटल से छुट्टी दे दी गयी। पारस हाॅस्पिटल में सही इलाज मिलने से उसका पति काफी खुष है। डाॅ. शाॅव ने बताया कि यदि समय पर यह आॅपरेषन नहीं हो पाता तो महिला की जान पर खतरे की आषंका थी। इसके अलावा हैरत की बात है कि महिला मरीज इतनी कमजोर थी कि वह कैसे इतना बड़ा ट्यूमर एक साल तक झेलते रही। उन्होंने कहा कि चूँकि पारस हाॅस्पिटल से सभी तरह के अत्याधुनिक उपकरण और सुविधाएं हैं, इसलिए इस तरह के आॅपरेषन सफलतापूर्वक सम्पन्न होते हैं।


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