Mar 2, 2024
दरभंगा, 09 फरवारी 2018। पारस ग्लोबल हाॅस्पिटल, दरभंगा में शनिवार को गैस्ट्रो (पेट रोग) का मुफ्त शिविर लगाया गया जिसमें पेट रोग से पीड़ित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। इस कैम्प में हाॅस्पिटल के गैस्ट्रो इंटीरियोलाॅजी विभाग के हेड डाॅ. शरद कुमार झा ने कहा कि बिहार में डायरिया से एक लाख लोग पीड़ित हैं जिनमें 70 फीसदी मरीज ग्रामीण क्षेत्र के हैं। उन्होंने कहा कि अपने देश में प्रति घंटे 13 बच्चों की मौत डायरिया से हो जाती है। पेट का कैंसर पुरूषों में दूसरा सबसे आम कैंसर है तथा एशिया समेत विश्व में महिलाओं के लिए यह तीसरा सबसे काॅमन कैंसर है। पेट के कैंसर के मामले देर से पकड़ में आते हैं। इसलिए इसका इलाज संभव नहीं हो पाता है। यदि शुरूआती दौर में यह पकड़ में आ जाए तो इसका इलाज संभव है।
डाॅ. झा ने कहा कि पारस में अत्याधुनिक गैस्ट्रो विभाग है जिसमें एक से एक अनुभवी डाॅक्टर तथा मशीनें उपलब्ध हैं, जिसकी बदौलत हमलोग पेट की बीमारी से ग्रसित कई मरीजों का इलाज कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यहां अत्याधुनिक इंडोस्कोपी मशीन है जिससे पेट के अंदर की बीमारीरियों का आसानी से पता कर लिया जाता है। उन्होंने कहा कि जीवन शैली में बदलाव लाकर लोग पेट रोग से संबंधी बीमारियों से निजात पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि तनाव के कारण पेट की बीमारियां बढ़ती है, इसलिए लोग तनाव कम करने का प्रयास करें। तनाव से पाचन क्रिया प्रभावित होती है, इसलिए आदमी अपने ऊपर दवाब कम करे। लोग अपने आप को शांत रखें तो पेट की बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। इसके अलावा लोग सिगरेट, जर्दा, तम्बाकू आदि के सेवन करने से परहेज करें।
उन्होंने पाचन क्रिया को लेकर कुछ टिप्स लोगों को दिये:-
कैम्प में आए मरीजों ने कहा कि पाचन क्रिया के संबंध में यहां हमें लाभदायक बातंे बतायी गयीं। उन्होंने कहा कि डाॅक्टर के साथ प्रश्न-उत्तर के रूप में बातचीत हम लोगों के लिए काफी फायदेमंद रही।