Mar 2, 2024
मुनीश कुमार जी को अक्सर घबराहट तेज धड़कन पिछले 3-4 महीनो से महसूस होती थी I उसके साथ ही उनकी सांस फूलने लगती थी| मुनीश कुमार के अनुसार, ” मेरे दिल की धड़कन एक दम से तेज हो जाती थी और मेरे हाथ पैर फूल जाते थे और लगता था जैसे चक्कर आ रहा है I इसके कारण मुझसे काम नहीं हो पाता था और मैं अक्सर बहुत हताश महसूस करता था I पहले लगा की एसिडिटी है और कोई गलत चीज़ खाने से ऐसा हो रहा है, पर बार बार ऐसे दिल की धड़कन तेज हो जाने की घटना से हम आश्वस्त हो गए थे की यह कोई बड़ा हृदय रोग हैI अगले दो सालों में मेरा दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में तीन बार एब्लेशन हुआ, जो असफल रहा। जिसके बाद मैने अपने परिचित डाक्टर से बात की और उनकी सलाह पर मैने पटना जाकर पारस एचएमआरआई हॉस्पीटल में डाक्टर नरेन्द्र कुमार से मुलाकात की। यहां डॉ नरेंद्र ने ईसीजी और बाकी रिपोर्ट देखकर बताया कि यह एक गंभीर ह्रदय धड़कन का रोग है I”
डॉ नरेंद्र कुमार कार्डियोलॉजी और एलेक्ट्रोफीजिओलॉजिस्ट विशेषज्ञ, पारस अस्पताल पटना के अनुसार, ” दिल की धड़कन तेज़ हो जाना एक गंभीर हृदय रोग है जो १-२% मरीजों के हृदय में असामान्य तार के कारण होता है I ऐसे केस में मरीज़ की धड़कन 100 से अधिक बीट्स प्रति मिनट हो सकती हैं, जो की सामान्य तौर पर 60-80 की होनी चाहिए I ऐसे धडकन रोग को दवाईयों से भी कंट्रोल किया जा सकता है मगर इसके काफी साइड इफेक्ट्स होते है एवं धड़कन रोग भी फिर से हो सकता है | रेडियो फ्रीक्वेंसी कैथेटर के द्वारा इस बीमारी से जीवन भर के लिए निजात पाई जा सकती है। सही ईलाज नहीं कराने की अवस्था में हार्ट फेलीयर एवं अचानक मृत्यु का खतरा बना रहता है।I
रेडियोफ्रीक्वेंसी कैथिटर एब्लेशन के ह्रदय के जिस भाग से असामान्य सिग्नल आ रहे होते हैं,उनको नष्ट कर दिया जाता है | आज मनीश एकदम स्वास्थ्य हैं और कहते हैं ” सबसे ज़रूरी बात है आपकी बीमारी का कारण पता चलना I पारस अस्पताल पटना और उनके वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ नरेंद्र कुमार ने हमारा सही निदान और उपचार किया I हम सदैव उनकी आभारी रहेंगे I पारस पटना बिना शक के हृदय उपचार के लिए पटना का सर्वोत्तान और सर्वश्रेष्ठ अस्पताल है I”