Mar 2, 2024
21 साल की दिव्या (नाम बदला हुआ) बहुत हीं गंभीर हालत में पारस एचएमआरआई हाॅस्पीटल के इमरजेंसी आई। दिव्या का इलाज पटना के दो नामी- गिरामी नर्सिग होम में चल रहा था। जिस नर्सिग होम में दिव्या का इलाज हो रहा था वहाॅ उसकी बीमारी किसी की पकड़ में नहीं आ रहीे थी। जिसके कारण दिव्या की हालत दिन ब दिन काफी गंभीर होती चली गई। दिव्या की हालत में कोई सुधार होता ना देखकर उसके परिवार वाले काफी चिंतित हो गये। काफी जद्दोजहद के बाद दिव्या को पारस एचएमआरआई हाॅस्पीटल के इंमेरजेंसी में रेफर किया गया।
दिव्या को जब एचएमआरआई हाॅस्पीटल के इमरजेंसी में लाया गया तो उसकी हालत अति गंभीर थी। इमेरजेंसी विभाग के हेड डाक्टर शहजादा के नेतृत्व में इमरजेंसी प्रोटोकाल के हिसाब से दिव्या को रिस्सटेट किया गया और साथ हीं इंटोवेट किया गया।
दिव्या को डायग्नोस किया गया जहाॅ से पता चला कि दिव्या को डीकेए (डायबिटीज किटो एसीडोसेस) है। पारस इमरजेंसी में दिव्या का ईलाज डीकेए प्रोटोकाल से किया गया। जहाॅ से ईलाज कर आईसीयू में दिव्या को षिफ्ट कर दिया गया।
पारस के आईसीयू में दिव्या को चार दिन रखा गया उसके बाद बीमारी ठीक हो जाने के बाद उसे डिसचार्ज कर दिया गया। दिव्या के परिवार वाले अपनी बेटी को ठीक देखकर काफी खुष हुए और उन्होने पारस एचएमआरआई की उच्चस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था की खूब तारीफ की। साथ हीं उन्होने डाक्टर शहजादा को भी बहुत धन्यवाद दिया। आज दिव्या पूरी तरह स्वस्थ है और अपनी दिनचर्या के सारे काम बड़ी हीं आसानी से कर रही है।