Mar 2, 2024
पटना, 01 दिसम्बर, 2017 । पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल, राजाबाजार, पटना ने बार-बार कंधा उतर जाने से परेशान उत्तर प्रदेश के बैडमिंटन चैमपियन खिलाड़ी प्रणव को उसकी बीमारी से राहत दिला दी। एक तो वह कंधा उतर जाने के दर्द से परेशान रहता था, तो दूसरी ओर उसका खेलना बाधित हो जाता था। कई सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में वह अपनी समस्या लेकर गया, पर कहीं उसे स्थायी राहत नहीं मिली। पहली बार उसका कंधा खेलने के दौरान उतरा था, उसके बाद दिनचरिचर्या कार्यों के दौरान भी उतरने लगा। यहाँ तक की कपड़े पहनने में भी कंधा उतर जाता था।
पारस एचएमआरआई में उसका इलाज करने वाले हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅ. अरविन्द प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उसके कंधे की झिल्ली की अर्थोस्कोपी प्रद्धति (दूरबिन) से सिलाई कर दी गयी और वह अब बिल्कुल ठीक है और अपना खेल भी खेल रहा है। उन्होंने कहा कि मामला तो सब जगह पकड़ में आ जाती थी, पर नये तरीके से सिलाई की व्यवस्था उनके पास नहीं थी। पुरानी विधि से कंधा जाम होने का खतरा रहता है, डाॅ. गुप्ता ने कहा कि आज के समय में कंधा उतर जाने का अर्थोस्कोपी से सफल इलाज होता है। पारस में अब तक कंधे और घुटने का अर्थोस्कोपी विधि से 1000 से ज्यादा मरीजों का इलाज हो चुका हे। आज के समय में लोगों को कंधे की दिक्कत काफी रहती है, जैसे की कंध का जाम रहना, कंधा को उठाने में दिक्कत तथा कमजोरी। कसरत करने से ये बिमारी काफी ठिक हो जाती है लेकिन काफी लोगों में ये परेशानी काफी दिनों तक रह जाती है एैसे लोगों के लिए दुरबिन का इलाज काफी लाभकारी रहता है।